मछली (विनोद कुमार शुक्ल)

 पाठ के साथ

 1. झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौड़ते हुए पतली गली में क्यों घुस गये । 
उत्तर – बच्चे चाहते थे मछलियाँ मर नहीं दिया एक मछली पिताजी से मांगकर कुओं में बढ़ने के लिए डाल देना है फिर कभी बाल्टी से निकालकर खेलेंगे । पुनः कुओं में डालेंगे । इसी विचार को लेकर दोनों बच्चे पतली गली से घर की ओर दौड़े । दूसरी बात यह भी था कि पतली गली से जल्दी घर पहुंच जाएंगे तो मछलियाँ मरेणो नहीं इत्यादि । 
2. मछलियों को लेकर बच्चों की अभिलाषा है कि उत्तर - एक मछली पिताजी से माँगकर ओं में डालूंगा ; जब बड़ी होगी तो बाल्टी से निकालकर उससे खेलूंगा । पुनः मछली को कुओं में गिरा दूंगा ।
 3. मछलियों घर आने के बाद बच्चों ने क्या किया ? उत्तर - मछलियों को घर लाने के बाद बच्चों ने उसे स्नान घर में पानीयुक्त बाल्टी में रखा । फिर अपने कपड़े निचोड़े और मरी मछली की आँख में अपनी छाया देखी । 
4. मछली को छूते हुए संतू क्यों हिचक रहा था ?
 उत्तर - संतू छोटा है । वह मछली से डरता है । उसे लगता है कि मछली काट लेना । इसलिए मछली छूते हुए वह हिचक रहा था । 
5. मछली के बारे में दीदी ने क्या जानकारी दी थी ? बच्चों ने उसकी परख कैसे की ?
 उत्तर - मछली के बारे में दीदी ने जानकारी दी कि मरी मछली की आँखों में परिछाई नहीं दिखाई पड़ती है । बच्चों ने मछली की आँख में झाँककर मरी मछली को परख किया ।
 6. संतू क्यों उदास हो गया ?
 उत्तर- " मछली आज ही बनेगा " लेखक के कथन के बाद संतू पूछता है " भइया । मछली अभी कट जायेगी ? तो लेखक ने कहा- " हाँ । हाँ सुनकर संतू उदास हो गया । 
7. घर में मछली कौन खाता था और वह कैसे बनायी जाती थी ? 
उत्तर - घर में मछली पिताजी खाते थे और भगू उसे पहले पटक - पटककर मार देता था फिर उस पर राख लपेटकर घाट पर रखकर काटता था ।।
 8. दीदी कहाँ थी और क्या कर रही थी ?
 उत्तर - दीदी अपने कमरे में सो रही थी ।
 9. अरे - अरे कहता हुआ भग्गू किसके पीछे भागा और क्यों ?
 उत्तर- अरे अरे कहता हुआ भग्गू संतू के पीछे भागा क्योंकि संतू मछली लेकर कुएँ में डालने के लिए कुएं के तरफ दौड़ा । 
10. मछली और दीदी में क्या समानता दिखलाई पड़ी स्पष्ट करें । 
उत्तर - मछली जब इमेले में यो तो छटपय रखी थी । दीदी भी अपनी साड़ी के आँचल से मुंत को ढंककर छटपट कर रही थी । यदि मछलियाँ अपने को काटे जाने के डर से छट - पट करती है तो दीदी मछली को काटे जाने के नाम पर छटपटा रही है जिससे लेखक को मछली और दोदी में समानता दिखलाई पड़ी ।
 11. पिताजी किससे नाराज थे और क्यों ?
 उत्तर - पिताजी नरेन ( लेखन ) से नाराज थे । क्योंकि दोदो से मछली अब काटी जायेगी यह बात नरेन ही बताया था । दीदी मछली के काटे जाने की बात सुनकर सिरक - सिसककर रो रही थी ।
 12. सप्रसंग व्याख्या करें 
 ( क ) बरसते पानी में खड़े होकर झोले का मुंह आकाश की तरफ फैलाकर मैंने खोल दिया ताकि आकाश का पानी झूले के अंदर पड़ी मछलियों पर पड़े।
उत्तर – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारे पाठ्यपुस्तक " गोधूलो " भाग -2 के गद्य खण्ड " मछली " शीर्षक कहानी से ली गई है जिसके लेखक विनोद क शुक्ल है । कहानी प्रसंग में जब लेखक अपने छोटे भाई संतू के साथ मंछली लेकर आ रहा था तो मछली पानी के बिना न मरें , इसलिए लेखक बरसते पानी में बड़े होकर झोले का मैं आकाश की तरफ फैलाकर खोल दिया ताकि आकाश का पानी होने के अन्दर पड़ी मछलियों पर पड़े । इससे लेखक का जीव - जन्तु के प्रति प्रेम का भाव छलकता है । 
( ख ) अगर बाल्टी भरी होती तो मछली उछलकर नीचे आ जाती । 
उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्य पुस्तक " गोधूली " भाग -2 के गद्य खण्ड के मछली शीर्षक कहानी से ली गई है जिसके लेखक विनोद कुमार शुक्ल हैं । कहानी प्रसंग में बचपन में  लेखक बाजार से मछलियों लाता है जिसमें एक मछली मरी तथा दो जीवित है । मछली पानी के बिना मर जाती है । यह लेखक जानता है अत : घर पहुंचतं ही स्नान घर में जाता है तथा भरी बाल्टी का पानी आधा खाली कर बाल्टी में मछलियों को डाल देता है । अगर बाल्टी में पानी भरा 1 . होता तो मछली उछलकर नीचे आ जाती । अगर वह नीचे आ जाती तो स्नान घर के नाली में जा सकती थी । कभी एक मछली नालो से घुसकर पड़ी नाली , उसके बाद मोहारा नदी में चली गई । इसी कारण बालक लेखक ने आधा बाल्टी पानी में ही मछली डाला है । 
( ग ) और पास से देख । परछाई दिखती है ? 
 उत्तर - प्रस्तुत पक्ति हमारे पाठ्य पुस्तक " गोपूली " भाग -2 के गद्य खंड के " मछली " शीर्षक कहानी से ली गई है जिसके कहानीकार " विर्माद कुमार शुक्ल " जी है । बचपन में लेखक बाजार से तीन मछलियाँ ताते हैं जिसमें एक मछली मरी है । दीदी ने कभी लेखक से कही थी रहा जो मछली मर जाती है उसके आँख में आदमी की छाया नहीं दिखती है उस बात को याद कर  लेखक अपने छोटे भाई को मरी मछली की आँख में अपनी परिछाई देखने को कहता है लेकिन संतू दूर से देखकर कहता है नहीं दिखती है । लेखक फिर संतू से कहता है कि और पास से देख । परछाई दिखती है ? अगर परछाई दिखती तो लेखक मछली नहीं भरी है , ऐसी कल्पना कर सकता था । 
( घ ) नहानघर की नाली क्षणभर के लिए पूरी मर गई , फिर बिल्कुल खाली हो गयी । उत्तर - प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारे पाठ्य पुस्तक " गोधूली " भाग -2 के गद्य खण्ड के " मछली " शीर्षक कहानी से ली गयी है । जिसके लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी है । कहानी के अंत में बालक नरेन ( लेखक ) नहान घर में आता है जहाँ " मछली " की गंध आ रही थी । लेखक पहले पानी को हाथ से चलाया फिर बाल्टी भी उलट दिया तो नहानघर की नाली क्षणभर के लिए पूरी मर गई , फिर बिल्कुल खाली हो गयी । स्वाभाविक है कि यदि स्नान घर की नाली पतली हो और बाल्टी भरा पानी पदि स्नान घर में उलट दिया जाता है तो नहानघर में क्षणभर के लिए पानी भर जायेगा पुनः निकल जायेगा ।
 13. संतू के विरोध का क्या अभिप्राय है ? उत्तर - संतू मछली नहीं खाता है । उसकी हार्दिक इच्छा है कि मछली को कुओं में डाला जाए । लेकिन भग्गू मछली काटने लगता है तो अहिंसक स्वभाव वाला संतू विरोध दर्शाने के लिए एक मछली को लेकर कुओं में डालने के लिए लेकर जल्दी से भागता है तथा भगू द्वारा पकड़ा जाने पर भी विरोध करता है जिसका अभिप्राय मात्र मछली की रक्षा करना है । 
14.दीदी का चरित्र चित्रण करें । 
उत्तर - लेखक की दीदी अत्यन्त कोमल स्वभाव वाली है । किसी जीव - जन्तु को मरना या मारे जाने की बात सुनकर भी उसका हृदय द्रवित हो उठता है । वह रोने लगती है जिससे पता चलता है कि दीदी अहिंसक स्वभाव वाली है । किसी के दु : ख को देखकर वह भाव - विह्वल हो उठती है । वह मछली खाती भी नहीं है । 
15. कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें ।
 उत्तर - कहानीकार ने अपनी कहानी का शीर्षक मछली ही रखा क्योंकि मछली को मारना या खाना लोगों का स्वभाव हो गया है । परन्तु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो मछली को मारना या खाना नहीं चाहते हैं जिससे उसकी अहिंसक प्रवृत्ति का पता चलता है । कहानीकार ने मछली शीर्षक के द्वारा यह कहना चाहता है कि बच्चों में मछली के साथ खेलने की इच्छा अधिक होती है । मछली के माध्यम से लेखक अपनी दीदी के स्वभाव का भी परिचय दे देता है तथा भागू जैसे लोगों के स्वभाव को भी दर्शाया है जो मछली को काटने में हिचकते नहीं । कहानी का आरम्भ मछली के खरीदने से होता है । फिर मछली के रक्षण की बात होती है जिससे बाल स्वभाव का सहज दर्शन करा दिया जाता है । कहानी के अंत भी मछली से होता है । इस प्रकार सारी कहानी का प्लाट मछली पर ही आधारित है । अत : " मछली " शीर्षक ही सार्थक है ।