Bihar Board Class 12 Political Science समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
वर्चस्व के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
(क) इसका अर्थ किसी एक देश की अगुआई या प्रावल्य है।
(ख) इस शब्द का इस्तेमाल प्राचीन यूनान में एथेंस की प्रधानता को चिह्नित करने के लिए किया जाता था।
(ग) वर्चस्वशील देश की सैन्यशक्ति अजेय होती है।
(घ) वर्चस्व की स्थिति नियत होती है। जिसने एक बार वर्चस्व कायम कर लिया उसने हमेशा के लिए वर्चस्व कायम कर लिया।
उत्तर:
(घ) वर्चस्व की स्थिति नियत होती है। जिसने एक बार वर्चस्व कायम कर लिया उसने हमेशा के लिए वर्चस्व कायम कर लिया।
प्रश्न 2.
समकालीन विश्व-व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
(क) ऐसी कोई विश्व-सरकार मौजूद नहीं जो देशों के व्यवहार पर अंकुश रख सके।
(ख) अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अमेरिका की चलती है।
(ग) विभिन्न देश एक-दूसरे पर बल-प्रयोग कर रहे हैं।
(घ) जो देश अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हैं उन्हें संयुक्त राष्ट्रसंघ कठोर दंड देता है।
उत्तर:
(घ) जो देश अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हैं उन्हें संयुक्त राष्ट्रसंघ कठोर दंड देता है।
प्रश्न 3.
‘ऑपरेशन इराकी फ्रीडम’ (इसकी मुक्ति अभियान) के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?
(क) इराक पर हमला करने के इच्छुक अमेरिकी अगुआई वाले गठबंधन में 40 से ज्यादा देश शामिल हुए।
(ग) इस कारवाई से पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ की अनुमति ले ली गई थी।
(घ) अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन को इराकी सेना से तगड़ी चुनौती नहीं मिली।
उत्तर:
(ग) इस कारवाई से पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ की अनुमति ले ली गई थी।
प्रश्न 4.
इस अध्याय में वर्चस्व के तीन अर्थ बताए गए हैं। प्रत्येक का एक-एक उदाहरण बताएँ। ये उदाहरण इस अध्याय में बताए गए उदाहरणों से अलग होने चाहिए।
उत्तर:
वर्चस्व के अर्थ और उदाहरण –
- वर्चस्व के पहले अर्थ का संबंध राज्यों के बीच सैन्य क्षमता की बनावट और तौल से है। उदाहरण- पूर्व सोवियत संघ।
- वर्चस्व दूसरे अर्थ में वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है। इस अर्थ में बुनियादी धारणा है कि वैश्विक अथव्यवस्था में कोई भी देश अपनी मर्जी चला सकता है। उदाहरण – पूर्व ब्रिटेन।
- वर्चस्व के तीसरे अर्थ का संबंध व्यवहार से है। अमेरिका सांस्कृतिक अर्थ में भी वर्चस्व रखता है। उदाहरण के लिए किसी खान-पान में या मनोरंजन में लोग अमरीकी प्रथा की बात करते हैं अर्थात् इस खर्च में सबको अपना-अपना हिस्सा देना चाहिए।
प्रश्न 5.
उन तीन बातों का जिक्र करें जिनसे साबित होता है कि शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद अमरीकी प्रभुत्व का स्वभाव बदला है और शीतयुद्ध के वर्षों के अमरीकी प्रभुत्व की तुलना में यह अलग है।
उत्तर:
1. शीतयुद्ध के बाद में जब क्लिटन अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने कठोर राजनीति की जगह लोकतंत्र के बढ़ावे, जलवायु परिवर्तन तथा विश्व व्यापार जैसे नरम मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित किया। अमरीका ने अपने घरेलु मामलों को सीमित कर लिया और विश्व के मामलों की ओर अधिक ध्यान नहीं दिया।
2. अमेरिका ने जब तब सैनिक शक्ति का भी इस्तेमाल किया। जैसे अब कोसोवो प्रांत युगोस्लाविया ने अल्वानियाई लोगों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया तो अमेरिकी नेतृत्व में नाटो के देशों ने युगोस्लावियाई क्षेत्रों पर बमबारी शुरू कर दी और घुटने टेकने को विवश कर दिया।
3. आगे चलकर अमेरिका ने मनमानी भी शुरू कर दी और संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे संस्था का तिरस्कार शुरू कर दिया। अमेरिका ने 19 मार्च 2003 को ‘ऑपरेशन इराकी फ्रीडम’ कूटनाम से अभियान शुरू किया। उसने संयुक्त राष्ट्र संघ की अनुमति के बिना 40 से अधिक देशों के सहयोग से आक्रमण किया। इसका कारण दिखाने के लिए सामूहिक संहार के हथियार बनाने से रोकने के लिए इराक पर आक्रमण किया गया। यह आक्रमण अन्यायपूर्ण था।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित का मेल करें।
उत्तर:
(क) – (ii)
(ख) – (iii)
(ग) – (i)
(घ) – (iv)
प्रश्न 7.
अमरीकी वर्चस्व की राह में कौन-से व्यवधान हैं। आपके जानते इनमें से कौन-सा व्यवधान आगामी दिनों में सबसे महत्त्वपूर्ण साबित होगा?
उत्तर:
अमरीकी वर्चस्व की राह में मुख्यतः तीन व्यवधान हैं जो निम्नलिखित हैं –
- प्रथम व्यवधान अमरीका की संस्थागत बनावट है यहाँ शासन के तीन अंगों के बीच शक्ति का बँटवारा है। कार्यपालिका सैन्य शक्ति के अनियंत्रित इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगती है।
- द्वितीय अवरोध-अमरीकी समाज की उन्मुक्ता है। अमेरिका में जन संचार के साधन जनमत तैयार करने में सहायक हैं परंतु अमेरिकी राजनीतिक संस्कृति में शासन के उद्देश्य और तरीके को लेकर लोगों में गहरी शंकायें हैं।
- तृतीय अवरोध-नाटो है जो सैनिक संगठन है और वही अमेरिकी ताकत पर लगाम लगा सकता है। अमेरिका का बहुत बड़ा हित लोकतांत्रिक देशों के इस संगठन को कायम रखने से जुड़ा है क्योकि इन देशों में बाजारमूलक अर्थव्यवस्था चलती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण तृतीय अवरोध-नाटो है।
प्रश्न 8.
भारत-अमेरिका समझौते से संबंधित बहस के तीन अंश इस अध्याय में दिए गए हैं। इन्हें पढ़ें और किसी एक अंश को आधार मानकर पूरा भाषण तैयार करें जिसमें भारत-अमेरिकी संबंध के बारे में किसी एक रुख का समर्थन किया गया हो।
उत्तर:
सोवियत संघ के विघटन से पूर्व भारत के संबंध अमेरिका से बहुत अच्छे नहीं रहे। परंतु बाद में वह अमेरिका के निकट आता जा रहा है। इस अवधि में भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया है और उसे वैश्विक अर्थव्यवस्था से जोड़ने का प्रयास किया है। उसने प्रभावशाली आर्थिक दर भी हासिल कर ली है। इसलिए भारत अब अमेरिका सहित अनेक देशों का आर्थिक केन्द्र बन गया है। दोनों देश एक दूसरे के लिए आर्थिक दृष्टि से कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं।
भारत का साफ्टवेयर निर्यात 65% भारत अमेरिका को जाता है। अमरीका में भारतीय प्रवासी के रूप में भारी संख्या में हैं और विभिन्न उद्योगों में लगे हुए हैं। यह अमरीका के विश्वव्यापी वर्चस्व का दौर है और भारत को अमरीका के साथ संबंधों की निश्चित दिशा देनी है। इस विचार श्रृंखला में कई प्रकार की विचारधाराएँ सामने आई हैं परंतु सभी में कुछ न कुछ अवरोध हैं। सबसे बेहतर विकल्प यह है कि भारत को अमेरिकी वर्चस्व का लाभ उठाना चाहिए अपने को शक्तिशाली बनाना चाहिए। इससे भारत की आर्थिक विकास की दर बढ़ सकती है।
जहाँ तक अमेरिकी वर्चस्व से निपटने का प्रश्न है, उसके लिए गैर सरकारी संस्थाओं का सहारा लिया जा सकता है। ये संस्थाएँ अमेरिकी वर्चस्व का जोरदार विरोध कर सकती हैं। इससे अमरीकी वर्चस्व को आर्थिक और सांस्कृतिक धरातल पर चुनौती मिलेगी। यह चुनौती स्वयंसेवी संगठन, सामाजिक आंदोलन और जनमत के आपसी मेल से किया जा सकता है। मीडिया, बुद्धिजीवी, कलाकार और लेखक आदि भी अमेरिकी वर्चस्व का प्रतिकार कर सकते हैं।
प्रश्न 9.
“यदि बड़े और संसाधन संपन्न देश अमेरिकी वर्चस्व का प्रतिकार नहीं कर सकते तो यह मानना अव्यावहारिक है कि अपेक्षाकृत छोटी और कमजोर राज्येतर संस्थाएँ अमेरिकी वर्चस्व का कोई प्रतिरोध कर पाएँगी।” इस कथन की जाँच करें और अपनी राय बताएँ।
उत्तर:
यदि बड़े और संसाधन सम्पन्न देश अमेरिकी वर्चस्व का प्रतिकार नहीं कर सकते तो राज्येतर संस्थाएँ अमरीकी वर्चस्व का प्रतिरोध कर सकती हैं। इससे अमेरिकी वर्चस्व को आर्थिक और सांस्कृतिक स्तर पर चुनौती मिलेगी यह चुनौती स्वयंसेवी संगठन, सामाजिक आंदोलन और जनमत के आपसी मेल से की जा सकती है। मीडिया, बुद्धिजीवी, कलाकार और लेखक आदि भी अमेरिकी वर्चस्व का प्रतिकार कर सकते हैं। इन सभी संस्थाओं का विश्व स्तर पर नेटवर्क बन सकता है। जिसमें अमरीकी नागरिक शामिल हो सकते हैं। यह बहुत अव्यावहारिक नहीं है। वस्तुतः ऐसी नीति अपनाना विवशता है। हम अपना देश, राज्य, समाज और गाँव नहीं छोड़ सकते हैं। ऐसे में प्रतिरोध ही एकमात्र उपाय बचा है।
Bihar Board Class 12 Political Science समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व Additional Important Questions and Answers
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
वर्चस्व का क्या अर्थ है?
उत्तर:
वर्चस्व (Hagemoney) ताकत से जुड़ा हुआ है। विश्व राजनीति में भी विभिन्न देश या देशों की समूह शक्ति पाने और कायम रखने की लगातार कोशिश करते हैं। यह ताकत सैनिक प्रभुत्व, आर्थिक शक्ति, राजनीतिक रूतबे और सांस्कृतिक वृद्धि के रूप में होती है। इन सभी क्षेत्रों में प्रभुत्व स्थापित करना ही वर्चस्व है।
प्रश्न 2.
अमेरिका का वर्चस्व कब स्थापित हुआ?
उत्तर:
- सामान्य रूप से अमरीका का वर्चस्व 1991 से माना जाता है जब महाशक्ति के रूप में सोवियत संघ का पतन हो गया और वह अंतर्राष्ट्रीय से गायब हो गया। अमरीका अब भी बढ़ी हुई ताकत के साथ कायम था।
- कुछ लोगों के विचार से अमरीकी वर्चस्व कुछ पहलुओं का इतिहास 1991 तक सीमित नहीं है बल्कि यह पीछे 1945 से आरंभ होता है। वस्तुतः बाद में यह स्पष्ट हुआ कि विश्व वर्चस्व के दौर से गुजर रहा है।
प्रश्न 3.
जार्ज बुश ने ‘नई विश्व व्यवस्था’ किसको कहा?
उत्तर:
- अगस्त 1990 में इराक ने कुवैत पर कब्जा करने के लिए उस पर आक्रमण कर दिया और जीत लिया। कई देशों ने इराक से छोड़ने की अपील की।
- इराक द्वारा अपील न मानने पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुवैत को मुक्त कराने के लिए बलप्रयोग की अनुमति दे दी। संयुक्त राष्ट्र का यह एक नाटकीय फैसला था, क्योंकि शीत युद्ध के विभिन्न विवादों के प्रति चुप्पी साध लेता था। अमेरिका राष्ट्रपति जार्ज बुश ने इसे नई विश्व व्यवथा नाम दिया।
प्रश्न 4.
‘ऑपरेशन डेजर्ट स्टार्म’ क्या है?
उत्तर:
- इराक द्वारा कुवैत पर कब्जा न छोड़ने के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ के नेतृत्व में 34 देशों की मिली-जुली और 660000 सैनिकों की विशाल सेना ने इराक के विरुद्ध मोर्चा खोला और उसे परास्त कर दिया।
- इस युद्ध को प्रथम खाड़ी युद्ध कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के इस सैन्य अभियान को ‘ऑपरेशन डेजर्ट स्टार्म’ कहा जाता है। वस्तुत: अमेरिकी सैन्य अभियान का ही हिस्सा था।
प्रश्न 5.
कंप्यूटर युद्ध’ या ‘वीडियो गेम वार’ किस युद्ध को कहा जाता है और क्यों?
उत्तर:
- प्रथम खाड़ी युद्ध (1990) को कंप्यूटर युद्ध कहा गया क्योंकि इसमें ‘स्मार्ट बमों का प्रयोग किया गया।
- इस युद्ध को दूरदर्शन पर विस्तार से दिखाया गया। विश्व के विभिन्न स्थानों पर बैठे दर्शक युद्ध को ध्यान से देख रहे थे कि इराकी सेना किस प्रकार पराजित हो रही है। इसी कारण ‘वीडियो गेम वार’ भी कहा गया।
प्रश्न 6.
प्रथम खाड़ी युद्ध से अमरीका को क्या आर्थिक लाभ हुआ?
उत्तर:
- प्रथम खाड़ी युद्ध कहने को संयुक्त राष्ट्र संघ की विजय हुई परंतु वास्तविक अमेरिका को मिला। कुवैत फिर उसके प्रभाव में आ गया जहाँ से अमरीका तेल प्राप्त करता था।
- अमरीका ने इस युद्ध के नाम पर जमकर मुनाफा कमाया। कई रिपोर्टों के अनुसार उसने जितना धन इस युद्ध में खर्च किया उससे कहीं ज्यादा रकम उसे जर्मनी, जापान और सऊदी अरब से प्राप्त हुई।
प्रश्न 7.
‘ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच’ का आदेश क्यों हुआ?
उत्तर:
- अमेरिकी राष्ट्रपति क्लिटन के दौर में एक बड़ी सैन्य कार्रवाई नैरोबी (केन्या) और दारे सलाम (तंजानिया) के अमेरिकी दूतावासों पर बमबारी हुई।
- आतंकवादी संगठन ‘अल-कायदा’ को इस बमबारी का जिम्मेदार ठहराया गया। इस बमबारी के जवाब में ‘ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच’ का आदेश हुआ।
प्रश्न 8.
‘नाइन एलेवन’ 9/11 से क्या समझते हैं?
उत्तर:
- विभिन्न अरब देशों के 19 अपहरणकर्ताओं ने 4 अमेरिकी व्यावसायिक विमानों पर कब्जा करके इनके द्वारा 11 सितंबर 2001 को विभिन्न महत्वपूर्ण इमारतों को ध्वस्त कर दिया।
- इस हमले को ‘नाइन एलेवन (9/11) कहा जाता है। वस्तुतः अमेरिका में माह (सितंबर) को तारीख (9) से पहले लिखने का चलन है। इसी का संक्षिप्त रूप 9/11 है, जबकि भारत में इसे 11/9 लिखा जाएगा।
प्रश्न 9.
‘ऑपरेशन एन्डयूरिंग फ्रीडम’ की घटना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- 9/11 के जवाब में अमेरिका ने आतंकवाद के विरुद्ध विश्यव्यापी युद्ध के रूप में ‘ऑपरेशन एन्ड्यूरिंग फ्रीडम’ चलाया।
- यह अभियान उन सभी के विरुद्ध चलाया गया जिन पर 9/11 का शक था। मुख्य निशाना अल-कायदा और अफगानिस्तान के तालिबान शासन को बनाया गया।
प्रश्न 10.
‘काअलिशन ऑफ वीलिंग्स’ (आकांक्षियों का महाजोत) क्या है?
उत्तर:
- ऑपरेशन इराकी फ्रीडम में अमेरिका के नेतृत्व में 40 से अधिक देश शामिल हुए। विभिन्न देशों के इस महाजोत को ‘कॉअलिशन ऑफ वीलिंग्स’ कहा गया।
- इनके द्वारा इराक पर जबर्दस्ती हमला किया गया।
प्रश्न 11.
‘ऑपरेशन इराकी फ्रीडम’ के मुख्य परिणाम क्या थे?
उत्तर:
- इस युद्ध में इराक पराजित हुआ और सद्दाम हुसैन की सत्ता समाप्त हो गई। लेकिन इराक में शांति नहीं स्थापित हुई।
- अमेरिका के 3000 सैनिक इस युद्ध में मारे गए जबकि इराक के सैनिक कहीं अधिक मारे गए। एक अनुमान के अनुसार अमरीकी हमले के बाद लगभग 50 हजार नागरिक इस युद्ध में खेत रहे।
प्रश्न 12.
एकधुवीय व्यवस्था का क्या अर्थ है?
उत्तर:
- जब अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में किसी एक महाशक्ति या कहें कि उद्धत महाशक्ति के दबदबे में हो तो प्रायः उसे ‘एकध्रुवीय व्यवस्था’ कहा जाता है।
- यह भौतिकी (physics) के शब्द ‘ध्रुव’ का यह एक प्रकार से भ्रामक प्रयोग है। इस व्यवस्था की उत्पति सोवियत संघ के पतन के बाद हुई।
प्रश्न 13.
आज अमेरिका की सैन्य शक्ति अनूठी मानी जाती है, क्यों?
उत्तर:
- अमेरिका आज अपनी सैन्य शक्ति के कारण ताकतवर माना जाता है। यह सैन्य शक्ति अनूठी है।
- वस्तुतः अमेरिका अपनी सैन्य क्षमता के बूते संपूर्ण विश्व में कहीं भी निशाना साध सकता है। उसके पास सही समय में अचूक और घातक हमला करने की क्षमता है। उसकी सेना विश्व के शेष देशों की तुलना में बेजोड़ है।
प्रश्न 14.
कमान का क्या अर्थ है?
उत्तर:
- विश्व की अधिकांश सशस्त्र सेनाएँ अपनी सैनिक कार्रवाई के क्षेत्र को विभिन्न कमानों में विभाजित किया है।
- प्रत्येक कमान के लिए अलग-अलग कमांडर होते हैं।
प्रश्न 15.
विश्व स्तर पर ‘सार्वजनिक वस्तुओं’ से क्या आशय है?
उत्तर:
- विश्व स्तर पर ‘सार्वजनिक वस्तुओं’ से आशय ऐसी वस्तुओं से है जिसका उपयोग कोई एक व्यक्ति करे तो दूसरे को उपलब्ध इस वस्तु की मात्रा में कोई कमी नहीं आनी चाहिए।
- सार्वजनिक वस्तुओं के उदाहरण-स्वच्छ वायु, सड़क और समुद्री व्यापार मार्ग आदि है।
प्रश्न 16.
इंटरनेट का अमेरिका से क्या संबंध है?
उत्तर:
- इंटरनेट तरंगों (waves) का जाल होता है जो संपूर्ण विश्व के देशों को जोड़ता है।
- उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सैन्य अनुसंधान परियोजना का परिणाम है। यह परियोजना 1950 में शुरु हुई थी। आज भी इंटरनेट उपग्रहों के एक वैश्विक तंत्र पर निर्भर है।
प्रश्न 17.
ब्रेटनवुड प्रणाली क्या है?
उत्तर:
- इस प्रणाली के अंतर्गत वैश्विक व्यापार के नियम निर्धारित किए जाते थे।
- इन नियमों को अमेरिकी हितों के अनुकूल बनाया गया था। यह प्रणाली आज भी विश्वकी अर्थव्यवस्था की बुनियादी संरचना का काम कर रही है।
प्रश्न 18.
कैसे कह सकते हैं कि सांस्कृतिक दृष्टि से विश्व में अमेरिका वर्चस्व स्थापित है?
उत्तर:
- विश्व के अधिकांश लोगों और समाजों के बरताव-व्यवहार 20वीं शताब्दी के अमेरिका के प्रचलित बरताव-व्यवहार के प्रतिबिंब हैं।
- अमेरिकी संस्कृति का एक पहलू यह भी है कि कोई भी अनिच्छा से नहीं रजामंदी मनवायी जाती है।
प्रश्न 19.
नाटो किस प्रकार अमेरिका लिए एक व्यवधान है?
उत्तर:
- नाटो का पूरा नाम उत्तर अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन है। यह 12 देशों का समूह है। अमेरिका का बहुत बड़ा हित लोकतांत्रिक देशों के इस संगठन को कायम रखने से जुड़ा है क्योंकि इन देशों में बाजारमूलक अर्थव्यवस्था चलती है।
- इसी कारण इस बात की संभावना बनती है कि नाटो में शामिल अमेरिका के साथ देश उसके वर्चस्व पर कुछ नियंत्रण लगा सकते हैं।
प्रश्न 20.
बैंडबैंगन की रणनीति क्या है?
उत्तर:
- बैंडवैगन की नीति का अर्थ है – “जैसी बहे बयार पीठ तैसी कीजै।” कुछ विद्वानों का कहना है भारत को अमरीका के साथ मिलकर काम करने से अधिक लाभ हो सकता है।
- अमेरिका के वर्चस्व में रहते हुए भारत को अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार लाना चाहिए। इसे बैडबैंगन की रणनीति कहते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
प्रथम खाड़ी युद्ध का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रथम खाड़ी युद्ध –
- यह युद्ध अमरीका सहित 34 देशों की सेना और इराक के मध्य हुआ। इस युद्ध का कारण इराक द्वारा कुवैत पर कब्जा करना था। अनेक राजनयिकों के अपील करने पर भी इराक ने कुवैत पर कब्जा नहीं छोड़ा फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुवैत को मुक्त कराने के लिए आक्रमण अनुमति प्रदान कर दी।
- 34 देशों की मिली-जुली 660000 सैनिकों की एक विशाल फौज ने इराक पर आक्रमण कर दिया और उसे हरा दिया।
- वैसे तो यह कहने को संयुक्त राष्ट्र संघ का अभियान था परंतु वास्तव में यह अमेरिका अभियान था। इसका संचालन अमेरिकी जनरल नार्मन श्वार्जफोंव ने किया। इसमें अमेरिका के 75% सैनिक थे।
- इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने बड़े साहस से इस युद्ध का सामना किया परंतु अंततः इराक पराजित हुआ और उसे कुवैत छोड़ने पर विवश होना पड़ा।
- इस युद्ध में अमेरिका ने आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया। उसने ‘स्मार्ट बमों’ का इस्तेमाल किया। इससे अमेरिका की सैनिक क्षमता की धाक जम गई।
प्रश्न 2.
अमेरिका में बिल क्लिटन के राष्ट्रपति बनने पर वहाँ की राजनीति में क्या परिवर्तन हुए।
उत्तर:
बिल क्लिटन और अमेरिकी नीति –
- जार्ज बुश के पश्चात् 1992 में विलियम जेफर्सन क्लिटन राष्ट्रपति बने। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में विदेश नीति की जगह घरेलू नीति में सुधार का वादा किया था।
- क्लिटन 1996 में दोबारा चुनाव जीतकर निरंतर 8 वर्षों तक राष्ट्रपति के पद पर काम करते रहे। इस सम्पूर्ण काल में अमेरिका घरेलू मामलों तक सीमित रहा और विश्व के मामलों में विशेष हस्तक्षेप नहीं किया।
- विदेश नीति के मामले में क्लिटन सरकार ने सैन्य शक्ति और सुरक्षा जैसी कठोर राजनीति’ की जगह लोकतंत्र को बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन तथा विश्व व्यापार जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया।
- क्लिटन के काल में भी कुछ फौजी ताकत का इस्तेमाल किया गया । उदाहरणार्थ-अल्बानियाइयों के विरुद्ध आक्रमण नैरोबी (केन्या) और दारे सलाम (तंजानिया) के विरुद्ध कार्रवाई आदि।
प्रश्न 3.
ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच –
- अमेरिकी राष्ट्रपति क्लिटन के काल में एक बड़ी सैन्य कार्रवाई नैरोबी (केन्या) और दारे सलाम (तंजानिया) के अमरीकी दूतावास पर बमबारी हुई।
- आतंकवादी संगठन अल-कायदा को इस बमबारी के लिए दोषी ठहराया गया। इस बमबारी के जवाब में ‘ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच’ का आदेश हुआ।
- इस अभियान के अंतर्गत अमेरिका ने सूडान और अफगानिस्तान के अलकायदा के ठिकानों पर कई बार क्रेज मिसाइल से हमले किए।
- अपनी इस कार्रवाई के के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ या अंतर्राष्ट्रीय कानून की परवाह नहीं की।
- अमेरिका की इस कार्रवाई की विश्व में खूब आलोचना हुई। कहा गया कि अमेरिका ने इस अभियान में कुछ नागरिक ठिकानों पर निशाना साधा जबकि इसका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं था।
प्रश्न 4.
नाइन-एलेवन घटना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
9/11 की घटना –
- विभिन्न अरब देशों के 19 अपहरणकर्ताओं ने चार अमरीकी व्यावसायिक विमानों पर कब्जा करके इनके द्वारा 11 सितम्बर 2001 की विभिन्न महत्वपूर्ण इमारतों को ध्वस्त कर दिया।
- दो विमान न्यूयार्क, स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी दक्षिण टावर से टकराये। तीसरा विमान वर्जिनिया के अलिंगटन स्थिति ‘पेंटागन’ से टकराया जहाँ अमेरिकी रक्षा विभाग का मुख्यालय है।
- चौथे विमान को अमरीकी कांग्रेस की मुख्य इमारत से टकराना था लेकिन वह पैंसिलवेनिया के एक खेत में गिर गया।
- इस घटना को नाइन-एलेवन 9/11 कहा जाता है। इस हमले में लगभग 3 हजार अमेरिकियों की जाने गई इस घटना की तुलना 1814 और 1941 की घटनाओं से की।
- अमेरिकी जमीन पर यह सबसे गंभीर हमला माना जाता है।
प्रश्न 5.
‘ऑपरेशन एंड्यूरिंग फ्रीडम’ के परिणाम क्या थे?
उत्तर:
ऑपरेशन एंड्यूरिंग फ्रीडम के परिणाम –
- यह ऑपरेशन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ किया गया। इस आक्रमण से तालिबान की जमीन उखड़ गई।
- इस आक्रमण के बावजूद तालिबान और अल-कायदा के अवशेष अब भी सक्रिय हैं। 9/11 की घटना के पश्चात् से अब तक इनकी ओर से पश्चिमी देशों में कई आक्रमण किये गये हैं। इससे इनकी सक्रियता स्पष्ट हो जाती है।
- अमेरिकी सेना ने बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियाँ की और उस विषय में वहाँ के देश की सरकार को जानकारी नहीं दी।
- गिरफ्तार लोगों को अलग-अलग देशों में भेजा गया और उन्हें खुफिया जेलखानों में बंदी बनाकर रखा गया।
- इन कैदियों को किसी प्रकार की अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं प्राप्त है।
प्रश्न 6.
इराक पर अमरीकी आक्रमण (2003) का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इराक पर अमरीकी आक्रमण 2003 –
- अमरीका ने 19 मार्च 2003 को ‘ऑपरेशन इराकी फ्रीडम’ कूटनाम से अभियान शुरू किया।
- संयुक्त संघ की अनुमति के बिना 40 से अधिक देशों के सहयोग से आक्रमण किया।
- इसका कारण दिखावे के लिए ‘सामूहिक संहार के हथियार (Weapons of Mass Destruction)
- यह आक्रमण अन्यायपूर्ण था। वस्तुतः अमरीका इराक के तेल भंडार पर नियंत्रण करना चाहता था ओर अपनी मनपसंद सरकार स्थापित करना चाहता था।
- यद्यपि इसकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की सरकार समाप्त हो गई परंतु वहाँ अमरीकी विरोधी आग बुझी नहीं है और अमरीका के खिलाफ विद्रोह हो रहे हैं।
प्रश्न 7.
वर्चस्व की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वर्चस्व की अवधारणा –
- वर्चस्व (Hagemony) ताकत से जुड़ा हुआ है। विश्व राजनीति में भी विभिन्न देश या देशों के समूह शक्ति पाने और कायम रखने की लगातार कोशिश करते हैं।
- यह ताकत सैनिक प्रभुत्व, आर्थिक शक्ति, राजनीतिक रूतवे और सांस्कृतिक वृद्धि के रूप में होती है।
- शीत युद्ध की अवधि (1945-1991) में विश्व की शक्ति दो गुटों में विभाजित थी। अमरीका और सोवियत संघ शक्ति के दो केन्द्र और गुट थे।
- सोवियत संघ के विघटन के साथ एक महाशक्ति (अमरीका) का दबदबा हो गया और विश्व एकध्रुवीय व्यवस्था के अंतर्गत आ गया है, परन्तु इसे अमरीका का वर्चस्व कहना न्याय संगत नहीं प्रतीत होता।
प्रश्न 8.
सैन्य शक्ति के अर्थ में वर्चस्व का परीक्षण कीजिए।
उत्तर:
सैन्य शक्ति के अर्थ में वर्चस्व –
- हेगेमनी (वर्चस्व) शब्द का प्रयोग प्राचीन यूनान के अन्य नगर राज्यों की तुलना में एथेंस की बसलता का प्रतीक था। इसलिए सैन्य दृष्टि से वर्चस्व का अर्थ सैन्य प्रबलता से है।
- यह अर्थ आज विश्व राजनीति में अमरीका की हैसियत को बताने में इस्तेमाल होता है।
- परंतु सैनिक वर्चस्व केवल किसी देश या व्यक्ति का भौतिक रूप से क्षति पहुँचा सकता है, उसकी आत्मा, का दमन नहीं कर सकता। ऐसे में यह पूर्ण रूप में वर्चस्व नहीं माना जा सकता।
- यह सही है कि अमरीका की विद्यमान ताकतं की रीढ़ उसकी सैन्य शक्ति है। अन्य देशों की तुलना उसकी सैनिक शक्ति बेजोड़ है और कई देश मिलकर भी उसका सामना नहीं कर सकते। परंतु इराक में उसकी अनेक कमजोरियाँ प्रकट हुई है।
प्रश्न 9.
अमरीकी सैन्य शक्ति अनूठी है, समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
अमरीकी सैन्य शक्ति का अनूठापन –
- अमरीकी सैन्य शक्ति अनूठी है। वह अपनी सैनिक शक्ति के बल पर किसी पर भी आक्रमण कर सकता है।
- वह अपनी सेना को युद्धभूमि से सुदूर रखकर अपने शत्रु को उसके ही घर में परास्त कर सकता है।
- वस्तुतः वह अपनी सैनिक क्षमता के लिए पर्याप्त धन खर्च करता है। अमरीका के नीचे के कुल 12 ताकतवर देश एक साथ मिलकर अपनी सैनिक क्षमता के लिए जितना धन खर्च करते हैं उससे कहीं अधिक अपनी सैनिक क्षमता के लिए अमरीका अकेले खर्च करता है।
- इसके अतिरिक्त पेंटागन अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा रक्षा अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में व्यय करता है।
- उसकी सैनिक प्रौद्योगिकी भी उच्च कोटि की है।
प्रश्न 10.
इराक युद्ध से अमरीकी सेना की कौन-कौन-सी कमजोरियां प्रकट हुई हैं?
उत्तर:
अमरीकी सेना की कमजोरियाँ –
- अमरीका अपने गठबंधन से इराक की जनता को नतमस्तक कराने में असफल हुआ है। वहाँ अब भी अशांति है और विद्रोह हो रहे हैं।
- सैनिक बल के इस्तेमाल के चार लक्ष्य-जीतने, अपरोध करने, दण्ड देने और कानून व्यवस्था बहाल करना है।
- अमरीका ने प्रथम तीन लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है परंतु कानून व्यवस्था स्थापित करने में असफल रहा है।
प्रश्न 11.
ढाँचागत ताकत के अर्थ में वर्चस्व का परीक्षण कीजिए।
उत्तर:
ढाँचागत ताकत के अर्थ में वर्चस्व का परीक्षण –
- वर्चस्व का ढाँचागत ताकत के अर्थ में अपना विशेष अर्थ है जो सैनिक वर्चस्व से सर्वथा भिन्न है।
- इसका संबंध वैश्विक अर्थव्यवस्था से है। इस व्यवस्था में एक ऐसे देश की आवश्यकता होती है जो अपनी मर्जी चलाए। वह अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ बनाता है और उसे कायम रखता है।
- ऐसे देश के लिए आवश्यक है- नियम और कानून को लागू करने की क्षमता और इच्छा-शक्ति होनी चाहिए। वस्तुतः ऐसा ताकतवर देश ही कर सकता है।
- वास्तव में इसमें उसे हानि भी हो सकती है। अन्य देश वैश्विक अर्थव्यवस्था के खुलेपन का लाभ उठाते हैं और किसी प्रकार का खर्च भी नहीं करते।
- वर्चस्व के इस दूसरे अर्थ को स्वीकार करें तो इसकी विश्वव्यापी सार्वजनिक वस्तुओं को उपलब्ध कराने में अमरीकी भूमिका मिलती है। अमरीका से समुद्री व्यापार मार्ग और इंटरनेट आदि सार्वजनिक वस्तु उपलब्ध कराए हैं परंतु समानता नहीं है।
प्रश्न 12.
वर्चस्व के अर्थ में ‘सार्वजनिक वस्तुओं’ से क्या आशय है?
उत्तर:
वर्चस्व के अर्थ में ‘सार्वजनिक वस्तुओं’ का आशय –
- सार्वजनिक वस्तुओं से आशय ऐसी वस्तुओं से है जिसका उपयोग कोई एक व्यक्ति करे तो दूसरे को उपलब्ध इसी वस्तु की मात्रा में कोई कमी नहीं आए।
- इसका उदाहरण स्वच्छ वायु और सड़क और व्यापारिक समुद्री मार्ग आदि इसके उदाहरण हैं।
- समुद्री व्यापार मार्ग (Sea lane communications) है जिसका इस्तेमाल व्यापारिक जहाज करते हैं। खुली वैश्विकी अर्थव्यवस्था में मुक्त व्यापार समुद्री व्यापार मार्ग के खुलेपन के बिना संभव नहीं है।
- ताकतवर या दबदबे वाला देश अपनी नौसैनिक शक्ति से समुद्री व्यापार मार्गों पर आवागमन के नियम तय करता है और अंतर्राष्ट्रीय समुद्र में आवाजाही को सुनिश्चित करता है। द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् अमरीकी नौसैनिक शक्ति इसमें सक्षम है।
- वैश्विक सार्वजनिक वस्तु का उदाहरण इंटरनेट है जो सूचना प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण साधन बन गया। उल्लेखनीय है यह अमरीका सैन्य अनुसंधान परियोजना का परिणाम है।
प्रश्न 13.
वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमरीका का वर्चस्व है, प्रमाणित कीजिए।
उत्तर:
वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमरीका का वर्चस्व –
- वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी अमरीका का वर्चस्व है। इसमें इसका हिस्सा 28% है। इसी प्रकार विश्व व्यापार में उसका हिस्सा 15% है।
- विश्व की अर्थव्यवस्था कोई ऐसा हिस्सा नहीं है जिसमें कोई अमरीका कंपनी महत्वपूर्ण तीन कंपनियों में से एक न हो।
- अमरीका की आर्थिक प्रबलता उसकी ढाँचागत ताकत अर्थात् वैश्विक अर्थव्यवस्था को एक विशिष्ट आकार में ढालने की ताकत से जुड़ी हुई है।
- द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् ब्रेटनवुड प्रणाली कायम हुई थी। अमरीका द्वारा कायम यह प्रणाली आज भी विश्व की अर्थव्यवस्था की बुनियादी संरचना का काम कर रही है।
- विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष विश्व व्यापार संगठन को अमरीकी वर्चस्व परिणाम मान सकते हैं।
प्रश्न 14.
‘अमरीका की ढाँचागत ताकत का एक मानक उदाहरण एमबीए की अकादमिक डिग्री है।’ व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
अमरीकी ढांचागत ताकत का एक मानक उदाहरण एमबीए –
- एमबीए (Master of Business Administration) के कारण भी अमरीकी वर्चस्व दिखाई देता है। अमरीका मानता है कि व्यवसाय एक पेशा है और इस कौशल को विश्वविद्यालय में प्राप्त किया जा सकता है।
- सर्वप्रथम इसकी पढ़ाई यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिवेनिया में वाहर्टन स्कूल में शुरु हुई जिसकी स्थापना 1881 में हुई थी।
- धीरे-धीरे इसका विस्तार हुआ परंतु 1950 में ही जाकर दूसरे देशों में इसका पाठ्यक्रम आरम्भ हुआ।
- आज सभी देशों में एमबीए को प्रतिष्ठित अकादमिक डिग्री का दर्जा प्राप्त है।
- प्रायः अधिकांश परिवारों के अभिभावक/माता-पिता अपने बच्चों को एमबीए कराना चाहते हैं।
प्रश्न 15.
सांस्कृतिक अर्थ में वर्चस्व की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
सांस्कृतिक अर्थ में वर्चस्व –
- अमरीका के वर्चस्व का एक सांस्कृतिक क्षेत्र भी है। यह व्यवहार से संबंधित है। अमरीका का सैन्य और आर्थिक वर्चस्व के साथ सांस्कृतिक अर्थ में भी वर्चस्व है।
- आज देखा जाए तो अधिकांश लोग अच्छे जीवन और व्यक्तिगत सफलता की झलक 20 वीं शताब्दी के अमरीका में प्रचलित व्यवहार-बरताव के रूप में देखते हैं।
- अमरीकी संस्कृति आज आकर्षक बन गई है और वह विश्व में वर्चस्व रखती है। यह बात बल में नहीं, बल्कि रजामंदी या स्वीकृति से मनवायी है।
- वस्तुतः शीत युद्ध के दौरान अमरीका को लगा कि सैनिक शक्ति की दृष्टि से वह सोवियत संघ को नहीं पछाड़ सकता है, इसलिए उसने ढाँचागत ताकत और सांस्कृतिक प्रभुत्व को बढ़ाया। अमरीका ने सबसे बड़ी जीत प्रभुत्व के क्षेत्र में की।
प्रश्न 16.
किस प्रकार नाटो अमरीका वर्चस्व के मार्ग में अवरोध है?
उत्तर:
अमरीका के वर्चस्व में बाधा के रूप में नाटो –
- अमरीका के वर्चस्व में तीन अवरोध हैं परंतु इन तीनों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण नाटों है।
- प्रथम व्यवधान अमरीका की संस्थागत बनावट है। यहाँ शासन के तीनों अंगों के बीच शक्ति का विभाजन है। कार्यपालिका सैन्य शक्ति के अनियंत्रित इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाती है।
- द्वितीय अवरोध – अमरीकी समाज की उन्मुक्तता है। अमरीका में जनसंचार के साधन जनमत तैयार करने में सहायक हैं परंतु अमरीकी राजनीतिक संस्कृति में शासन के उद्देश्य और तरीके को लेकर लोगों में गहरी आशंकाएँ हैं।
तृतीय अवरोध:
नाटो है जो सैनिक संगठन है और वही अमरीकी ताकत पर लगान लगा सकता है। अमरीका का बहुत बड़ा हित लोकतांत्रिक देशों के इस संगठन को कायम रखने से जुड़ा है, क्योंकि इन देशों में बाजारमूलक अर्थव्यवस्था चलती है।
प्रश्न 17.
भारत और अमरीका एक दूसरे के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?
उत्तर:
भारत और अमरीका एक दूसरे के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण हैं –
- भारत और अमरीका एक दूसरे के लिए महत्वपूर्ण है जिसका संबंध और अमरीका में बसे अनिवासी भारतीयों से है।
- सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में अमरीका भारत का सबसे बड़ा आयातक देश है। भारत के निर्यातक का 65% अमरीका को जाता है।
- अमरीका में बोईग में काम करने वाले 35% तकनीकी कर्मचारी भारतीय मूल के हैं।
- सिलिकन वैली में भी भारतीयों की एक बड़ी तादाद (3 लाख) काम करती है।
- अमरीका के प्रवासी भारतीयों ने उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्र की 15% कम्पनियों का शुभारंभ किया।
प्रश्न 18.
‘अमरीका के वर्चस्वजनित अवसरों की लाभ उठाने की रणनीति अधिक संगत है।’ समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
- कुछ राजनीतिज्ञों का विचार है कि भारत को अमरीका के वर्चस्वजनित अवसरों का लाभ उठाने की रणनीति अपनानी चाहिए, क्योंकि यह भारत के लिए अधिक लाभकारी है।
- भारत आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाने, व्यापार बढ़ाने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और निवेश में अमरीका का सहयोग ले सकता है।
- ऐसे में सुझाव दिया जाता है कि सर्वाधिक शक्तिशाली देश के विरुद्ध जाने के बजाय उसके वर्चस्व तंत्र में रहते हुए लाभ उठाना कहीं उचित रणनीति है। इसे ‘बैंडबैंगन’ अथवा ‘जैसी बड़े बयार पीठ तेजी कीजै’ की रणनीति कहते हैं।
प्रश्न 19.
अमरीका से तटस्थ रहने की नीति कहाँ तक कारगर है?
उत्तर:
अमरीका से तटस्थ रहने की नीति –
- विभिन्न देशों के लिए एक विकल्प यह भी है कि दबदबे वाले देश से यथासंभव दूर रहा जाए। जैसे चीन रूस और यूरोपीय संघ सभी किसी न किसी प्रकार से अमरीका से दूर-दूर रहते हैं।
- ऐसा करके वे अमरीका की बेवजह नाराजगी से अपने को बचाते हैं।
- यह बात दूसरी है कि बड़े और मध्यम श्रेणी के देशों को यह नीति अमरीका से अधिक दिनों तक बचा नहीं सकती।
- छोटे देशों के लिए यह नीति कारगर हो सकती है, क्योंकि अमरीका ऐसे देशों की ओर कम ध्यान देता है।
- यह तर्क अटपटा सा प्रतीत होता है कि भारत, चीन और रूस जैसे बड़े देश अथवा यूरोपीय संघ जैसा विशाल संघ स्वयं को अधिक दिनों तक अमरीका से दूर रख सकता है।
प्रश्न 20.
इतिहास से हमें वर्चस्व के विषय में क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर:
इतिहास और वर्चस्व –
- अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक व्यवस्था में विभिन्न देश शक्ति संतुलन के प्रति अधिक सतर्क होते हैं और सामान्य रूप से वे किसी देश को इतना शक्तिशाली नहीं बनने देते कि वह शेष देश के लिए भयंकर खतरा बन जाए।
- 1648 ई. में विभिन्न संप्रभु राज्य विश्व राजनीति के प्रमुख नायक बन गए थे। इसके 350 वर्षों बाद वर्चस्व की स्थिति दो बार आई।
- यूरोप की राजनीति के संदर्भ में 1660 से 1713 तक फ्रांस का दबदबा था और यह वर्चस्व का प्रथम उदाहरण है।
- समुद्री व्यापार के कारण ब्रिटेन का वर्चस्व कायम हुआ था। उसका साम्राज्य 1860 से 1910 तक बना रहा, यह वर्चस्व का दूसरा उदाहरण है।
- इतिहास से यह भी ज्ञात होता है कि वर्चस्व अपने चरमोत्कर्ष के समय अजेय दिखता है लेकिन यह हमेशा के लिए कायम नहीं रहता। इसके विपरीत शक्ति संतुलन की राजनीति वर्चस्वशील देश की ताकत को आने वाले समय में कम कर देती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
अमरीकी वर्चस्व से निपटने के कुछ सुझाव प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
अमरीकी वर्चस्व से निपटने के कुछ सुझाव:
प्रश्न उठता है कि अमरीकी वर्चस्व से किस प्रकार छुटकारा पाया जाए? यह प्रश्न जटिल और झकझोरने वाला है। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में कुछ ही ऐसे तरीके हैं जिनके द्वारा किसी देश की सैनिक शक्ति पर कुछ प्रतिबंध लगाया जा सकता है। यदि कोई विश्वस्तरीय सरकार होती तो समस्या हल हो सकती थी, परंतु ऐसा नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के कुछ कानून अवश्य हैं जो युद्ध पर नियंत्रण रखते हैं, परंतु ये युद्ध को रोकने में सक्षम नहीं है। फिर कोई भी देश अपनी सुरक्षा को अंतर्राष्ट्रीय कानून के हवाले नहीं कर सकता।
फिर वर्चस्व और युद्ध से छुटकारा कैसे हो सकता है? भारत, चीन और रूस मिलकर अमरीकी वर्चस्व का सामना कर सकते हैं परंतु उनमें आपस में ही मतभेद है। ये अकेले उसका सामना नहीं कर सकते। कुछ लोगों का कहना है कि वर्चस्वजनित अवसरों का लाभ उठाने की नीति भारत के लिए अधिक हितकर होगी। उदाहरण के लिए आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाने, व्यापार बढ़ाने, प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और निवेश में अमरीका का सहयोग लिया जा सकता हैं। इसे ‘बैडवैगन’ कहते हैं। भारत सहित विभिन्न देशों के लिए एक विकल्प यह भी है कि दबदबे वाले देश से यथासंभव दूर रहा जाए, जैसे चीन, रूस और यूरोपीय संघ सभी किसी न किसी प्रकार से अमरीका से दूर-दूर रहते हैं।
ऐसा करके वे अमरीका से बेवजह नाराजगी से अपने को बचाते हैं। यह बात दूसरी है कि बड़े और मध्य श्रेणी के देशों के लिए यह नीति अधिक दिनों तक बचा नहीं सकती, छोटे देशों के लिए यह नीति कारगर हो सकती है। कुछ अन्य लोगों की राय है कि गैरसरकारी संस्थाएँ अमरीकी वर्चस्व का विरोध कर सकती है इसको अमरीकी वर्चस्व में अर्थिक और सांस्कृतिक धरातल पर चुनौती मिलेगी। यह चुनौती स्वयंसेवी संगठन, सामाजिक आंदोलन और जनमत के आपसी मेल से किया जा सकता है। मीडिया, बुद्धिजीवी, कलाकार और लेखक आदि भी अमरीकी वर्चस्व का प्रतिकार कर सकते हैं। इन सभी संस्थाओं में अर्थिक और सांस्कृतिक आपसी मेल से किया जा सकते हैं। इन सभी को विश्व स्तर पर नेटवर्क बन सकता है जिसमें अमरीकी नागरिक भी शामिल हो सकते हैं। हम अपना देश, राज्य, समाज और गाँव छोड़ नहीं सकते हैं। ऐसे में प्रतिरोध ही एकमात्र उपाय बचा है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर
I. निम्नलिखित विकल्पों में सही का चुनाव कीजिए
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन महाशक्ति के रूप में स्थापित है?
(अ) अमरीका
(ब) रूस
(स) फ्रांस
(द) इंग्लैंड
उत्तर:
(अ) अमरीका
प्रश्न 2.
अमरीका कब महाशक्ति बना?
(अ) 1989
(ब) 1990
(स) 1991
(द) 1992
उत्तर:
(स) 1991
प्रश्न 3.
इराक ने कुवैत पर कब आक्रमण किया?
(अ) 1989
(ब) 1990
(स) 1991
(द) 1992
उत्तर:
(ब) 1990
प्रश्न 4.
ऑपरेशन डेजर्ट स्टार्म में मुख्य सेना किसकी थी?
(अ) फ्रांस
(ब) इंग्लैंड
(स) अमरीका
(द) रूस
उत्तर:
(स) अमरीका
प्रश्न 5.
खाड़ी युद्ध को कम्प्यूटर युद्ध क्यों कहते हैं?
(अ) इसमें कम्प्यूटर जैसे हथियार
(ब) स्मार्ट बमों का प्रयोग किया गया
(स) कम्प्यूटर से युद्ध की गतिविधि
(द) कहते ही नहीं हैं
उत्तर:
(ब) स्मार्ट बमों का प्रयोग किया गया
प्रश्न 6.
क्लिटन कितने वर्ष राष्ट्रपति रहे?
(अ) 5 वर्ष
(ब) 6 वर्ष
(स) 7 वर्ष
(द) 8 वर्ष
उत्तर:
(द) 8 वर्ष
प्रश्न 7.
अमरीका में स्थित ‘पेंटागन’ क्यों महत्त्वपूर्ण थे?
(अ) व्यापार के लिए
(ब) सुंदरता के लिए
(स) अमरीकी रक्षा विभाग का मुख्यालय
(द) कम्प्यूटीकृत भवन
उत्तर:
(स) अमरीकी रक्षा विभाग का मुख्यालय
प्रश्न 8.
9/11 की घटना अमरीका के लिए क्या स्थान रखती है।
(अ) छोटी घटना
(ब) बड़ी घटना
(स) अब तक की सबसे बड़ी घटना
(द) नगण्य
उत्तर:
(ब) बड़ी घटना
प्रश्न 9.
अमरीका का सबसे आकर्षक सांस्कृतिक पहलु क्या है?
(अ) जोर-जबरदस्ती
(ब) मित्रता
(स) रजामंदी
(द) शत्रुता
उत्तर:
(स) रजामंदी
प्रश्न 10.
9/11 की घटना के समय अमरीका का राष्ट्रपति कौन था?
(अ) विलियम जेफसिन (बिल) क्लिटन
(ब) एच डब्ल्यू बुश
(स) जार्ज डब्ल्यू बुश
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(अ) विलियम जेफसिन (बिल) क्लिटन
प्रश्न 11.
ग्वांतानामी वे अब क्यों प्रसिद्ध है?
(अ) रूस का नौसेना का ठिकाना
(ब) अमरीका का नौसेना का ठिकाना
(स) ब्रिटेन का नौसेना का ठिकाना
(द) फ्रांस का नौसेना का ठिकाना
उत्तर:
(ब) अमरीका का नौसेना का ठिकाना
प्रश्न 12.
इराक पर आक्रमण करने का अमरीका का वास्तविक उद्देश्य क्या था?
(अ) इराक द्वारा सामूहिक संहार के हथियार बनाने से रोकना
(ब) सैनिक ठिकाना प्राप्त करने के लिए इराक के तेल भंडार पर नियंत्रण
(स) इराक से तेल भंडार पर नियंत्रण
(द) इराक में शासन स्थापित करना
उत्तर:
(स) इराक से तेल भंडार पर नियंत्रण
प्रश्न 13.
विश्व में एकध्रुवीय व्यवस्था कब स्थापित हुई?
(अ) शीत युद्ध के दौर से पूर्व
(ब) शीत युद्ध के दौर में
(स) शीत युद्ध के बाद
(द) 9/11 की घटना के बाद
उत्तर:
(स) शीत युद्ध के बाद
प्रश्न 14.
सैन्य बल के चार लक्ष्यों में से किस लक्ष्य को अमरीका नहीं प्राप्त कर सका है।
(अ) जीतना
(ब) अपरोध करने
(स) दंड देना
(द) कानून व्यवस्था बहाल रखने के लिए
उत्तर:
(अ) जीतना
प्रश्न 15.
कौन-सी अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी है?
(अ) ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था
(ब) जापान की अर्थव्यवस्था
(स) अमरीका की अर्थव्यवस्था
(द) इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था
उत्तर:
(स) अमरीका की अर्थव्यवस्था
II. मिलान वाले प्रश्न एवं उनके उत्तर
उत्तर:
(1) – (iv)
(2) – (xi)
(3) – (i)
(4) – (vi)
(5) – (viii)
(6) – (vii)
(7) – (ii)
(8) – (x)
(9) – (ix)
(10) – (v)
(11) – (iii)