कक्षा 10 रसायनशास्त्र – अध्याय 3: धातु एवं अधातु | अतिलघु एवं लघु उत्तरात्मक दीर्घ उत्तरी प्रश्न उत्तर | Bharati Bhawan Solutions
1. दो धातु एवं दो अधातु के नाम लिखें।
उत्तर:धातु - (i) लोहा, (ii) तांबा
अधातु - (i) हाइड्रोजन, (ii) ऑक्सीजन
2. समुद्री जल में पाए जाने वाले एक प्रमुख लवण का नाम लिखें।
उत्तर: सोडियम क्लोराइड
3. किसी अधातु का नाम लिखें जो सामान्य ताप पर द्रव अवस्था में रहती है।
उत्तर: ब्रोमीन (ब्रौमीन)
4. एक अधातु का नाम लिखें जो वायु के संपर्क में आने पर जल उठती है।
उत्तर: फास्फोरस
5. कौन-सी अधातु विद्युत का सुचालक होती है?
उत्तर: ग्रेफाइट
6. क्या सभी खनिज अयस्क होते हैं?
उत्तर: नहीं
7. वुल्फ्राम किस अयस्क में विद्यमान रहता है?
उत्तर: टिन के अयस्क टिनस्टोन (SnO₂) में वुल्फ्राम विद्यमान रहता है।
8. जब लोहे में जंग लगता है तो वह कौन-सी क्रिया है?
उत्तर: यह ऑक्सीकरण-अवकरण अभिक्रिया है।
9. मिश्रधातु क्या है?
उत्तर: दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं।
10. अयस्क से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: मिश्रधातु में एक धातु प्रधान हो तो उसे अयस्क कहते हैं।
11. 2, 6 (अवयव) प्राप्त करतक तत्व स्थायी बन जाते हैं, क्यों?
उत्तर: क्योंकि इलेक्ट्रॉन विन्यास की प्राप्त अवस्था स्थायी अवस्था मानी जाती है।
12. सोडियम परमाणु जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करता है, किंतु सोडियम आयन नहीं, क्यों?
उत्तर: सोडियम आयन स्थायी होता है, इसलिए जल से अभिक्रिया नहीं करता।
13. आयनिक यौगिकों के गलनांक और वाष्पनांक उच्च होते हैं, क्यों?
उत्तर: इनके धनायनों एवं ऋणायनों के बीच मजबूत स्थिर वैद्युत आकर्षण बल होता है।
14. कार्बन टेट्राक्लोराइड से विद्युत धारा क्यों नहीं प्रवाहित की जा सकती है?
उत्तर: कार्बन टेट्राक्लोराइड स्थायी यौगिक है; इसमें कोई आयन नहीं होते।
15. आयनिक बंधनों में आयनों के बीच किस प्रकार का बंधन कार्य करता है?
उत्तर: विद्युत संयोजक बंधन
16. नाइट्रोजन अणु में कितने सह-संयोजक बंधन होते हैं?
उत्तर: तीन सह-संयोजक बंधन होते हैं।
17. रासायनिक अभिक्रिया में कौन-से इलेक्ट्रॉन भाग लेते हैं?
उत्तर: संयोजकता या संयोजी इलेक्ट्रॉन
18. रासायनिक बंध मुख्यतः कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: रासायनिक बंध मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं –
(i) वैद्युत संयोजक (Ionic Bond)
(ii) सह-संयोजक (Covalent Bond)
19. एक परमाणु से दूसरे परमाणु में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होने से किस प्रकार का बंध बनता है?
उत्तर: वैद्युत संयोजक बंध।
20. दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों का साझा होने पर किस प्रकार का बंध बनता है?
उत्तर: सह-संयोजक बंध।
21. द्विबंध वाले किसी अणु का उदाहरण दें।
उत्तर: ऑक्सीजन →
O = O
(दो सह-संयोजक बंध)
22. त्रिबंध वाले किसी अणु का उदाहरण दें।
उत्तर: नाइट्रोजन →
N ≡ N
(तीन सह-संयोजक बंध)
23. निम्नलिखित यौगिकों में बंधन की प्रकृति बताएं –
(i) अमोनिया – एकल सह-संयोजक बंध
(ii) कार्बन डाइऑक्साइड – द्वि सह-संयोजक बंध
(iii) सोडियम मोनोऑक्साइड – आयोनिक बंधन
24. ऑक्सीजन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास नीयॉन जैसा होने के लिए उसे कितने इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होगी?
उत्तर: 2 इलेक्ट्रॉन
25. एक यौगिक A के संयोजी शेल में 4 इलेक्ट्रॉन हैं और B के संयोजी शेल में 7 इलेक्ट्रॉन हैं। A और B के संयोजन से बनने वाला यौगिक कैसा बंधन बनाएगा? उसका नाम व इलेक्ट्रॉनिक संरचना लिखिए।
उत्तर: यौगिक – कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCl₄)
बंध की प्रकृति – एकल सह-संयोजक बंध
इलेक्ट्रॉनिक संरचना –
Cl
|
Cl – C – Cl
|
Cl
या इलेक्ट्रॉन डॉट संरचना द्वारा भी दिखाया गया है।
26. एक यौगिक A और एल्यूमिनियम का उपयोग रेल लाइनें जोड़ने में किया जाता है। यौगिक A की पहचान करें।
उत्तर: ताँबा (कॉपर)
27. धातु के निष्कर्षण में सल्फाइड और कार्बोनेट अयस्कों को ऑक्साइड में परिवर्तित करना पड़ता है, क्यों?
उत्तर: क्योंकि धातुओं को ऑक्साइड से निष्कर्षित करना सल्फाइड और कार्बोनेट की तुलना में अधिक आसान होता है।
28. उस मिश्र धातु का नाम लिखें जिसका उपयोग विद्युत तारों को जोड़ने में किया जाता है?
उत्तर – सोल्डर Sn(50%) + Pb (50%)
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. धातु एवं अधातु में एक अंतर बताएं।
उत्तर – धातुओं में एक विशेष प्रकार की चमक होती है। अधातुओं में कोई चमक नहीं होती है।
2. धातुएँ विद्युत की सुचालक क्यों होती हैं?
उत्तर – धातुओं के परमाणुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन रहते हैं। इस कारण विद्युत की धारा प्रवाहित होने पर उससे इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह सतत बना रहता है। इसलिए वह विद्युत की सुचालक होती हैं।
3. धातु की तन्यता और आवातधर्मित्ता से क्या समझते हैं?
उत्तर – धातु की तन्यता का अर्थ है, धातु के तार बनाना। धातु तन्य होती हैं अर्थात वह गुण जिससे कारण धातुओं से तार खींचे जा सकते हैं।
आवातधर्मित्ता धातुओं का एक गुण है। इससे धातुएँ पतली चादरें बनाई जा सकती हैं अर्थात वह गुण जिससे कारण धातुओं की पतली चादरें बनाई जाती हैं। सोना एवं चांदी सर्वाधिक आवातधर्मी एवं तन्य हैं।
4. धिमी ऑक्साइड क्या है?
उत्तर – धातुओं के वे ऑक्साइड जो अम्लीय एवं क्षारीय या भौतिक दोनों गुण प्रदर्शित करते हैं धिमी ऑक्साइड कहलाते हैं।
जैसे – एल्युमिनियम ऑक्साइड एवं जिंक ऑक्साइड।
5. ग्रेफाइट अधातु होते हुए भी कौन-सा धातु गुण प्रदर्शित करता है?
उत्तर – ग्रेफाइट में धातु गुण मौजूद है क्योंकि इसमें चमक होती है और वह विद्युत चालक होती है।
6. ऑर्गन के दो परमाणु परस्पर संयुक्त होकर ऑर्गन अणु (Ar₂) क्यों नहीं बनाते हैं?
उत्तर – ऑर्गन अक्रिय गैस है। इसका बाह्य कक्षा पूर्ण रहता है। इस कारण किसी से संयोजन या बंधन नहीं बनाता है। इस कारण यह परमाणु के रूप में रहता है।
7. परमाणु एवं आयन में अंतर लिखिए।
उत्तर –
परमाणु – किसी तत्व का सबसे सूक्ष्म कण परमाणु है। यह इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन से मिलकर बने होते हैं।
आयन – किसी तत्व के परमाणु का इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने या त्याग करने से परमाणु के परिवर्तित रूप को आयन कहते हैं।
आयन दो प्रकार हैं – धनायन तथा ऋणायन।
उदाहरणतः – Na जब एक इलेक्ट्रॉन खोता है तो यह Na⁺ आयन बनाता है। जब इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है तो Na⁻ आयन बनाता है।
8. सहसंयोजक बंधन कितने प्रकार के होते हैं और ये कैसे बनते हैं?
उत्तर – सहसंयोजक बंधन तीन प्रकार के होते हैं:
(i) एकल सहसंयोजक बंध (Single Covalent bond)
(ii) द्विक सहसंयोजक बंध (Double Covalent bond)
(iii) त्रिक सहसंयोजक बंध (Triple Covalent bond)
(i) एकल सहसंयोजक बंध – जब दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों के सिर्फ एक युग्म का साझा होता है तब उनके बीच एकल सहसंयोजक बंध बनता है।
(ii) द्विक सहसंयोजक बंध – जब संयोजन करने वाले दोनों परमाणु दो-दो इलेक्ट्रॉनों का साझा करते हैं तब उनके बीच द्विक सहसंयोजक बंध बनता है।
उदाहरण:
:Ö: + :Ö: ⟶ :Ö::Ö: या,
O ═ O
(ऑक्सीजन अणु का निर्माण)
(iii) त्रिक सहसंयोजक बंध – जब संयोजन करनेवाले दो परमाणु तीन-तीन (तीन जोड़) इलेक्ट्रॉनों (छ: इलेक्ट्रॉन) का साझा करते हैं तब उन परमाणुओं के बीच त्रिक सहसंयोजक बंध बनता है।
उदाहरण:
:N: + :N: ⟶ :N≡N: या,
N≡N
(नाइट्रोजन अणु का निर्माण)
9. आप कैसे प्रमाणित करेंगे कि कार्बन टेट्राक्लोराइड विद्युत का कुचालक होता है?
उत्तर – कार्बन टेट्राक्लोराइड उदासीनी अणुओं से बने होते हैं। ये आयन में नहीं बनते हैं। इस कारण यह जलीय विलयन या पिघली अवस्था में आयन उत्पन्न नहीं करता है। इसलिए यह विद्युत का कुचालक होता है।
10. सोडियम क्लोराइड जल में घुल जाता है, किन्तु कार्बन टेट्राक्लोराइड नहीं, क्यों?
उत्तर – सोडियम क्लोराइड जल में घुल जाता है, इसका कारण यह है कि जल के अणु सोडियम क्लोराइड जैसे आयनिक में विद्यमान आयनों के साथ पारस्परिक क्रिया करते हैं। जिससे सोडियम क्लोराइड में उपस्थित आयनों के बीच का आकर्षण बल कमजोर होकर टूट जाता है और आयन अलग हो जाते हैं। परिणामस्वरूप सोडियम क्लोराइड जल में घुल जाता है।
किन्तु दूसरी ओर कार्बन टेट्राक्लोराइड जैसे सहसंयोजक यौगिक टेट्राक्लोराइड जैसे कार्बनिक विलायक के साथ ऐसी कोई बात नहीं होती है। अतः सोडियम क्लोराइड जैसे यौगिक जल में घुलते हैं।
11. CH₄ और CO₂ इलेक्ट्रॉनिक संरचना लिखें।
उत्तर –
CH₄ →
H H
||
H — C — H
या,
H
│
H — C — H
│
H
CO₂ →
:Ö::C::Ö:
या,
O═C═O
12. किसी रासायनिक यौगिक के बनने में संयोजी इलेक्ट्रॉनों की क्या भूमिका होती है?
उत्तर – रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले इलेक्ट्रॉन ही संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं।
संयोजी इलेक्ट्रॉनों की रेखाओं के साथ यौगिक बनाकर यौगिक का निर्माण करते हैं। इस कारण इसकी भूमिका महत्त्वपूर्ण है।
13. किसी तत्व A की परमाणु संख्या 12 है और दूसरे तत्व B की परमाणु संख्या 17 है। यदि A और B के संयोग से बने यौगिक का सूत्र लिखें।
उत्तर –
A (12) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास – 2, 8, 2
B (17) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास – 2, 8, 7
A धातु मैग्नीशियम (Mg) तथा B धातु क्लोरीन (Cl) है। इनके संयोग से मैग्नीशियम क्लोराइड (MgCl₂) बनता है।
14. (a) अमोनिया के अणु के कुल कितने सहसंयोजक बंधन हैं?
(b) साइड्रोजन अणु कहना क्या सही है?
उत्तर –
(a) अमोनिया के अणु में कुल 3 सहसंयोजक बंधन हैं।
(b) हाँ, साइड्रोजन को अणु कहना उचित है।
15. निम्नलिखित पदार्थों में बंधन की प्रकृति पर प्रकाश डालें –
(i) जल (H₂O)
(ii) नाइट्रोजन अणु (N₂)
(iii) मैग्नीशियम ऑक्साइड (MgO)
(iv) कैल्सियम क्लोराइड (CaCl₂)
उत्तर –
(i) जल (H₂O):
H परमाणु की बाह्यतम कक्षा में 1 इलेक्ट्रॉन है, जबकि O परमाणु की बाह्यतम कक्षा में 6 इलेक्ट्रॉन। अतः हाइड्रोजन के दो परमाणु O परमाणु के प्रत्येक एक-एक इलेक्ट्रॉन के साथ साझेदारी कर सहसंयोजक बंध बनाते हैं।
संयोजन:
H + :O: + H ⟶ H:O:H या, H – O – H
इस प्रकार जल के अणु में दो सहसंयोजक बंधन होते हैं।
(ii) नाइट्रोजन अणु (N₂):
नाइट्रोजन परमाणु के संयोजी शेल में 5 इलेक्ट्रॉन रहते हैं। अतः नाइट्रोजन के दो परमाणु आपस में तीन-तीन इलेक्ट्रॉनों का साझा करके अपना ऑक्टेट पूरा कर लेते हैं।
संयोजन:
:N: + :N: ⟶ :N≡N: या, N≡N
निष्कर्ष: N₂ अणु में तीन सहसंयोजक बंधन होते हैं।
(iii) मैग्नीशियम ऑक्साइड (MgO):
Mg ⟶ Mg²⁺ + 2e⁻
(2, 8, 2 ⟶ 2, 8)
O + 2e⁻ ⟶ O²⁻
(2, 6 ⟶ 2, 8)
MgO यौगिक में Mg²⁺ आयन तथा O²⁻ आयन होता है।
(iv) कैल्सियम क्लोराइड (CaCl₂):
Ca + :Cl: ⟶ Ca:Cl: ⟶ Ca⁺ + [:Cl:]⁻
या, Ca⁺ Cl⁻
16. तत्व W, X, Y और Z की परमाणु संख्याएँ क्रमशः 7, 9, 10 और 11 हैं। तत्वों के निम्नलिखित युग्मों से बने यौगिक का सूत्र लिखें और उनमें विद्यमान बंधन की प्रकृति बताएं –
(i) W और X
(ii) X और X
(iii) W और Z
(iv) Y और Z
उत्तर –(i) W₂X₃ – सह-संयोजी बंधन
(ii) X₂ — एकल सह-संयोजी बंधन
(iii) WX₃ — त्रि-सह-संयोजी बंधन
(iv) YZ₂ — युग-संयोजी बंधन
17. X और Y तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नलिखित हैं –
X – 2,6
Y – 2,8,8,2
X और Y के बीच बनने वाले बंधन की प्रकृति बताएं।
उत्तर –
X का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,6 अर्थात यह O है।
Y का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,8,2 अर्थात यह Ca है।
Ca + :O: ⟶ Ca⁺ + [:O:]⁻ या, Ca²⁺ + O²⁻ = CaO
यह एक वैद्युत संयोजी बंधन बनाते हैं।
अर्थात CaO आयनिक यौगिक का निर्माण करते हैं।
18. एक धातु A (परमाणु संख्या 19) क्लोरीन के साथ अभिक्रिया कर एक सरल क्लोराइड बनाता है। चित्र की सहायता से A का अभिक्रिया से पूर्व और पश्चात इलेक्ट्रॉनिक विन्यास दिखाएं।
उत्तर –
धातु A जिसकी परमाणु संख्या 19 है, वह पोटैशियम है। यानी K(19) जिसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 8, 1 है।
तथा क्लोरीन यानी Cl (17) जिसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7 है।
A का अभिक्रिया से पूर्व इलेक्ट्रॉनिक विन्यास –
A (2,8,8,1)
⇒ K = 2, L = 8, M = 8, O = 1
A का अभिक्रिया के पश्चात इलेक्ट्रॉनिक विन्यास –
A (2,8,8)
⇒ K = 2, L = 8, M = 8
नोट –
धातु क्लोरीन के साथ अभिक्रिया कर एक ठोस क्लोराइड बनाती है और A धातु अपना एक इलेक्ट्रॉन क्लोरीन को देती है जिससे क्लोरीन का ऑक्टेट पूरा हो जाता है।
19. एक परमाणु A (संयोजकता 2) एक परमाणु B को दो इलेक्ट्रॉन प्रदान कर एक यौगिक बनाता है, तो A की संयोजकता और B की अंतिम कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या बताएं।
उत्तर –
A की संयोजकता 2 है और B की अंतिम कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 6 है।
उदाहरण – A और B मिलकर मैग्नीशियम ऑक्साइड (MgO) यौगिक बनाएंगे जिसमें उपस्थित आयन Mg²⁺ और O²⁻ है।
20. हाइड्रोजन अणु (H₂) के बनने में दोनों H परमाणु ऑक्टेट प्राप्त नहीं करते, फिर भी हाइड्रोजन का अणु स्थायी क्यों होता है? क्यों?
उत्तर –
दो हाइड्रोजन परमाणुओं के संयोजन से हाइड्रोजन अणु (H₂) बनता है। इसमें हाइड्रोजन के परमाणु एक-एक इलेक्ट्रॉन का साझा करके द्वयय (duplet) पूरा करते हैं।
संयोजन –
H∙ + ∙H ⟶ H:H
साझेदारी में भाग लेने वाले दोनों इलेक्ट्रॉनों दोनों परमाणुओं के बीच में रहते हैं। दोनों H स्थिर हो जाते हैं।
यहाँ आपकी दी गई छवि से सम्पूर्ण पाठ को टाइप करके प्रस्तुत किया गय
21. A, B और C तीन तत्वों की परमाणु संख्याएँ क्रमशः 8; 10 और 20 हैं। इनमें से एक अक्रिय गैस को पहचान करें।
उत्तर– A तत्व की परमाणु संख्या 8, B तत्व की परमाणु संख्या 10 तथा C तत्व की परमाणु संख्या 20 है। इनमें B जिसका परमाणु संख्या 10 है वह अक्रिय गैस है। क्योंकि इसका इलेक्ट्रॉन विन्यास 2, 8 है जबकि गैस होने के लिये आखिरी शेल यानी संयोजी शेल में अष्टक पूरा होना चाहिए।
22. ऑक्सीजन परमाणु का इलेक्ट्रॉन विन्यास 2, 6 है। इसकी संयोजकता ज्ञात करें।
उत्तर– ऑक्सीजन परमाणु की संयोजकता 6 है; क्योंकि आखिरी शेल में 6 इलेक्ट्रॉन हैं व संयोजकता की थोथक है।
23. निम्नलिखित में वैद्युत संयोजक और सहसंयोजक यौगिकों का चयन करें–
ग्लूकोज, पोटैशियम क्लोराइड, एसीटिलीन, यूरिया, कॉपर सल्फेट, कार्बन टेट्राक्लोराइड, अमोनियम क्लोराइड।
उत्तर– वैद्युत संयोजक यौगिक–
पोटैशियम क्लोराइड, अमोनियम क्लोराइड, कॉपर सल्फेट।
सहसंयोजक यौगिक–
ग्लूकोज, कार्बन टेट्राक्लोराइड, एसीटिलीन, यूरिया।
24. जल में विलय दो सहसंयोजक यौगिकों के नाम लिखें।
उत्तर– जल में विलय दो सहसंयोजक यौगिक निम्न हैं–
(i) ग्लूकोज
(ii) यूरिया।
25. मैग्नेटाइट में एक अचुंबकीय पदार्थ मिश्रित है। इन्हें अलग करने की एक विधि का उल्लेख करें।
उत्तर– मैग्नेटाइट में एक अचुंबकीय पदार्थ मिश्रित हैं। इन्हें अलग करने की एक स्वीकृत उपयोग विधि इस प्रकार है–
चुंबकीय पृथक्करण विधि (Magnetic Separation)– यह विधि वैसे अयस्कों के लिये प्रयुक्त होती है जब अयस्क और उसमें विद्यमान अशुद्धता में कोई एक चुंबकीय हो। उदाहरण के लिये, टिन के अयस्क टिनस्टोन (SnO₂) में वोल्फ्राम (Wolfram) अयस्क के रूप में उपस्थित रहता है जो चुंबकीय होता है। टिनस्टोन अयस्क को पीसकर चुंबकीय चूर्ण बना दिया जाता है। अब इस चूर्ण को दो विद्युतचालित बेलनों (roller) की बेल्ट (belt) पर डाला जाता है। जब बेल्ट घूमती है, तो चुंबकीय अयस्क चुंबकीय बेलन की ओर आकर्षित हो एक पात्र में गिरता है, जबकि अचुंबकीय अशुद्ध पदार्थ बेल्ट की ओर आकर्षित न हो एक पात्र में गिरता है। इस प्रक्रिया द्वारा साफ़ित मैग्नेटाइट अयस्क प्राप्त किया जाता है।
चित्र: चुम्बकीय पृथक्करण विधि
अतः इस प्रक्रिया द्वारा मैग्नेटाइट में मिले अचुम्बकीय पदार्थ को आसानी से अलग किया जा सकता है। फलतः शुद्ध मैग्नेटाइट प्राप्त किया जा सकता है।
26. भंजन क्या है? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर - भंजन एक वैसी रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें सांद्रित अयस्क को पर्याप्त वायु की आपूर्ति में अयस्क के द्रवणांक से कम ताप पर तीव्रता से गर्म किया जाता है जिससे इसमें उपस्थित अपवर्ध अर्सेनिक (AS) तथा अन्य उपस्थित अपवर्ध ऑक्सीकारक होकर बाहर निकल जाते हैं तथा धातु ऑक्साइड के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
27. गलन में द्रावक की क्या भूमिका होती है?
उत्तर - गलन में द्रावक की भूमिका — द्रावक वह पदार्थ है जिससे तित्तरहित या शुद्ध अयस्क एवं कोक के साथ मिश्रित कर मिश्रण को गर्म किया जाता है। ऐसा करने से अयस्क में विद्यमान अशुद्धियाँ अयस्क दूर जाती हैं। इस प्रक्रिया प्रणाली में द्रावक की अति महत्वपूर्ण भूमिका है। क्योंकि इसी की सहायता से अयस्क में मौज़ूद अशुद्ध अयस्क को दूर किया जाता है।
28. सोडियम की विरलता में इसे ध्वाकरण में प्रयोग क्यों करते हैं?
उत्तर - सोडियम सक्रिय धातु है जो वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाता है और इसके बाद वह ऑक्साइड सोडियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन उत्पन्न करती है। धातु में खुला छोड़ देने पर यह आग पकड़ लेती है, इसलिए इसे मिट्टी के तेल में डुबाकर सुरक्षित रखते हैं।
29. धातुओं के संक्षारण से क्या समझते हैं?
उत्तर - धातुओं की सतह पर वायु, नमी, CO₂, SO₂ अथवा रसायनों आदि के प्रभाव से क्षय होने या नष्ट होने को संक्षारण कहते हैं। लोहे नम्र एवं ऑक्सीजन या वायु से अभिक्रिया कर Fe₂O₃ का पटल बना लेता है जो पूरे रंग का होता है। यह प्रक्रिया जंग लगना कहलाता है। जंग लोहे के धीरे-धीरे नष्ट होने का लक्षण है।
30. धातुओं के शोधन की एक विधि का वर्णन करें।
उत्तर - धातुओं के शोधन की कई प्रवर्तित विधियाँ हैं। उनमें एक विधि इस प्रकार है —
द्रवण विधि (Liquation Process) — इस विधि के द्वारा कम द्रवणांक वाली धातुओं (टिन, लेड आदि) को उच्च द्रवणांक वाली अशुद्धियों से अलग किया जाता है। इस विधि में एक ढलानदार भट्टी का प्रयोग किया जाता है। इस भट्टी की ताप धातु के द्रवणांक से थोडा अधिक रखा जाता है।
चित्र: द्रवण